सुप्रीम कोर्ट के पिछले हफ्ते के फैसले के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आखिरकार बिहारी श्रमिकों के दूसरे राज्यों से बिहार आने वाली ट्रेनों के लिए रेलवे के पास तीन करोड़ जमा कराए.

सुप्रीम कोर्ट के पिछले हफ्ते के फैसले के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आखिरकार बिहारी श्रमिकों के दूसरे राज्यों से बिहार आने वाली ट्रेनों के लिए रेलवे के पास तीन करोड़ जमा कराए.

बिहार सरकार के अधिकारियों का कहना हैं कि पश्चिम बंगाल, गोवा, दमन और केरल जैसे राज्यों से आने वाली ट्रेनों का अग्रिम भुगतान हैं. हालांकि अभी तक अधिकांश राज्यों, जिसमें महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक  शामिल हैं; ने वहां के किसी शहर से बिहार जाने वाली ट्रेनों के अग्रिम भुगतान रेलवे को कर दिया था. गुजरात में अधिकांश यात्रियों का भुगतान वहां की विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी ने किया.

हालांकि बिहार सरकार ने पहले दावा किया था कि कोटा के बच्चों का उसने भुगतान करने का पहले निर्णय लिया था, लेकिन उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बयान जारी कर दावा किया कि ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं हुआ था. बाद में जब राजस्थान सरकार ने मना कर दिया तब बिहार सरकार ने एक करोड़ का भुगतान किया.

वहीं राज्य सरकार का कहना हैं कि बिहार सरकार अपने लोगों और छात्रों का कितना ख्याल रखती हैं वो किसी से छिपा नहीं लेकिन उनकी सरकार केंद्र में भी हैं और वो मालूम कर सकते हैं कि राजस्थान सरकार ने चार करोड़ से ज्यादा बिहार के 66 हज़ार श्रमिकों के लिए 46 ट्रेनों का भुगतान किया.

बिहार में अब तक करीब चौदह सौ ट्रेनों से जहां बीस लाख से अधिक लोगों की वापसी हुई हैं. वहीं अपने साधन और सार्वजनिक वाहन से सड़क मार्ग से दस लाख से अधिक लोग वापस आ चुके हैं.

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