अप्रैल और मई में कोरोनावायरस  की वजह से लागू लॉकडाउन  और असम में अनियमित बरसात से चाय की फसल को नुकसान पहुंचा है.

अप्रैल और मई में कोरोनावायरस की वजह से लागू लॉकडाउन और असम में अनियमित बरसात से चाय की फसल को नुकसान पहुंचा है. उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इससे चाय के उत्पादन में भारी गिरावट आई है. भारतीय चाय संघ के अनुमान के अनुसार उत्तर भारत असम और उत्तरी बंगाल में इस साल जनवरी से जून के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में चाय का उत्पादन 40 प्रतिशत घटा है. आईटीए के सचिव अरिजीत राहा ने कहा, ‘‘हम जुलाई के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं। ये अगले कुछ दिन में आएंगे.”

आईटीए ने कहा कि अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में श्रमबल की कमी की वजह से हरी पत्तियों की तुड़ाई काफी कम रही है जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ है. आईटीए के अनुसार दो जिलों में लगातार बारिश से बागानों में ग्रिड बंद होने की समस्या रही है, जिससे फसल घटी है. कलकत्ता चाय व्यापारी संघ  का कहना है कि लॉकडाउन और बारिश के चलते फसल उत्पादन कम रहने से नीलामी में चाय के दाम चढ़ गए हैं.

सीटीटीए के चेयरमैन विजय जगन्नाथ ने कहा, ‘‘पिछले साल की तुलना में नीलामी में चाय के दाम मजबूत और ऊंचे हैं.” उन्होंने कहा कि उद्योग को करीब 20 करोड़ किलोग्राम फसल नुकसान का अनुमान है. उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाली चाय के दाम करीब 100 रुपये प्रति किलोग्राम चढ़ गए हैं.

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