कोरोना के खतरे को देखते हुए दुनिया भर के स्वास्थ्य प्राधिकरणों ने वायरस से नष्ट करने के लिए अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने का सुझाव दिया है, जिसमें कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल हो.

कोरोना वायरस  महामारी के बीच अग्रिम निर्णय प्राधिकरण  ने कहा कि सभी तरह के अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर्स (alcohol-based hand sanitisers) पर 18 प्रतिशत का माल एवं सेवा कर (GST) लगेगा क्योंकि ये ‘एल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर्स’ की श्रेणी में आता है. प्राधिकरण ने यह फैसला गोवा की एक कंपनी स्प्रिंगफील्ड इंडिया डिस्टिलरीज की ओर से दायर अर्जी पर सुनाया है. यह कंपनी एल्कहोल वाले सैनिटाइजर बनाने के काम से जुड़ी है.

स्प्रिंगफील्ड इंडिया डिस्टिलरीज ने अपने द्वारा आपूर्ति किए जा रहे हैंड सैनिटाइजर्स के वर्गीकरण पर स्पष्टता के लिए एएआर की गोवा-पीठ का रुख किया था और पूछा था कि क्या जिन सैनिटाइजर्स की हम आपूर्ति कर रहे हैं उन्हें जीएसटी से छूट मिली है. दरअसल, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु (essential commodity) के रूप में वर्गीकृत किया है.

प्राधिकरण ने कहा, “यह राय है कि आवेदक द्वारा निर्मित हैंड सैनिटाइजर अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर की श्रेणी में आता है और एचएसएन के 3808 शीर्षक के तहत वर्गीकृत है. इस पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. अपने फैसले में एएआर ने जोर दिया कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु की श्रेणी में रखा है लेकिन जीएसटी कानून में छूट प्राप्त उत्पादों की सूची अलग है.

कोरोना के खतरे को देखते हुए दुनिया भर के स्वास्थ्य प्राधिकरणों ने वायरस से नष्ट करने के लिए अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने का सुझाव दिया है, जिसमें कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल हो.

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