आगामी सर्दी के मौसम में सांस की समस्याओं, बाहर से आने वाले मरीजों की बड़ी तादात और बड़े उत्सव समारोहों को ध्यान में रखते हुए, प्रतिदिन कोविड-19  के लगभग 15,000 नये मामलों के लिए दिल्ली को तैयार करने की आवश्यकता है. NCDC की रिपोर्ट में इसको लेकर आगाह किया गया है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल  की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समूह के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में दिल्ली सरकार से इसके लिए व्यवस्था करने की सिफारिश की गई है.

NCDC ने अपनी ”कोविड-19 के नियंत्रण के लिए संशोधित रणनीति के संस्करण 3.0” में यह भी बताया कि दिल्ली में समग्र कोविड-19 मामले में मृत्यु दर 1.9 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 1.5 प्रतिशत से अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां तक संभव हो मृत्यु दर को कम करना महामारी के प्रबंधन के प्रमुख उद्देश्यों में से एक होना चाहिए.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  ने बीते मंगलवार को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के चरम पर पहुंचने का दूसरा चरण बीत चुका है और स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने संक्रमण का तेजी से पता लगाने के लिए परीक्षणों में वृद्धि की है. उन्होंने कहा, ‘‘17 सितंबर को दिल्ली में कोविड-19 का दूसरा चरण चरम पर पहुंच गया, जब शहर भर में 4,500 मामले सामने आए थे. स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है.” केजरीवाल ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि दूसरा चरण भी धीरे-धीरे बीत जाएगा.”

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