भारत में मॉडर्ना की वैक्सीन को DCGI से 18 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल सकती है. मॉडर्ना ने भारत में अपनी कोविड-19 वैक्सीन के लिए मंजूरी मांगी है.

मॉडर्ना’ ने यह भी बताया है कि ​अमेरिकी सरकार ने भारत सरकार को ‘कोवैक्स’ के माध्यम से ‘मॉडर्ना’ की कोविड वैक्सीन की डोज दान करने के लिए सहमति दी है, जो निश्चित संख्या में होगी. इन टीकों के लिए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से मंजूरी मांगी गई है.

‘सिप्ला’ ने अमेरिकी दवा कंपनी की तरफ से टीके के इम्पोर्ट और मार्केटिंग को लेकर आवेदन किया है. सूत्रों के अनुसार, सीडीएससीओ किसी भी वक्त मंजूरी दे सकता है.

सिपला ने सोमवार को एक आवेदन देकर ‘मॉडर्ना’ के टीके के इम्पोर्ट के लिए अनुमति मांगी थी, जिसमें डीसीजीआई के 15 अप्रैल और एक जून के नोटिस का हवाला दिया गया था. इस नोटिस में कहा गया था कि अगर टीके को ईयूए के लिए यूएसएफडीए द्वारा अनुमति दी जाती है, तो टीके को बिना ‘ब्रिजिंग ट्रायल’ के मार्केटिंग ऑथराइजेशन दिया जा सकता है.

व​हीं कोरोना के मामलों पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले 6 महीने से वैक्सीन उपलब्ध है. इसलिए कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन कर और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट कर आने वाले समय में हम कोरोना के खिलाफ सफलता पा सकते हैं.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अभी तक दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है. दिल्ली में मामले कम हुए हैं, लेकिन हमारा डेढ़ साल का अनुभव कहता है कि हमें किसी भी हाल में लापरवाह नहीं होना चाहिए और आराम से नहीं बैठ जाना चाहिए.

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